आदरणीय अन्ना हजारे जी ,किरण बेदी व अन्य के साथ भ्रस्टाचार के विरुद्ध जिस प्रकार से आन्दोलन कर रहे हैं और देश का एक बहुत बड़ा वर्ग उनका अपने अपने स्तर से सहयोग और समर्थन कर रहा है उस से एक बात तो एकदम साफ़ है की भारतीय अब भ्रस्टाचार से बुरी तरह उब चुके हैं .अन्ना का अनशन और जनता का पुरजोर समर्थन देख कर अन्य की भांति मुझे भी महात्मा गाँधी की याद आ गई. लग रहा है मानो देश में पुनः सविनय सत्याग्रह की लहर दौड़ पड़ी हो. अन्ना हम भारतीयों के आधुनिक राष्ट्रपिता बन कर उभरे हैं .अन्ना के इस अभियान में विद्यार्थी, बुद्धजीवी, समाजसेवी, फ़िल्मी हस्तियाँ,खिलाडी सभी शामिल हैं .घरेलु महिलाएं अपने अपने बच्चों को अन्ना और अनके अभियान के प्रति जागरूक बना रही है.
सबसे महत्वपूर्ण अच्छी बात नज़र आ रही है वो यह कि देश का मीडिया भी अन्ना के अभियान और पल पल के प्रयासों कि सजीव तस्वीर जनता के समक्छ प्रस्तुत कर रहा है जिसे देख कर पहली बार मीडिया को सलाम करने का मन कर रहा है .जो मीडिया क्रिकेट, फिल्म,फैशन ,अपराध की ख़बरों को अपनी हेडलाइन या ब्रेकिंग न्यूज़ बना कर बस अपनी प्रसार संख्या या टीआरपी की ही चिंता में मग्न दीखता था ,आज लोकतंत्र के इस चौथे स्तम्भ क़ी ये चौकसी देख कर एक सुखानुभूति हो रही है . आज पथभ्रष्ट भारत को एक नई इमानदार दिशा में ले जाने वाला प्रणेता मिल चूका है ,आज जनता भी उसके साथ है .लगता है भारतीय इतिहास में एक युग का अवसान और एक नए युग के प्रादुर्भाव का समय आ गया है .भ्रस्टाचार से पीड़ित देश के स्वस्थ होने का समय आ गया है .संभव है कि हम अपनी आगामी पीढ़ियों को एक निर्मल वातावरण दे सकें .अपने आस पास, देश समाज को देख कर इतना तो तय है कि मेरी यह सोच कोरी कल्पना मात्र नहीं बल्कि एक सशक्त आशा है. !! यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारतः !!
!! अभ्युत्थानं धर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम !!
भारत में भी अब अनैतिकता और भ्रस्टाचार के दिन पूर्ण हुए . अब हमारे पास भी अन्ना रूपी कृष्ण हैं जो निश्चित ही भ्रस्टाचार के दानव का संहार करेंगे.नवरात्रि में माँ दुर्गा से यही प्रार्थना है कि हमारी मनोकामना पूर्ण हो!
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