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हे राष्ट्रपिता ! पुनः आइये!

LOTUS......
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bapu “लिट्टे के निशाने पे प्रधानमंत्री!” सुबह सुबह आज के समाचार पत्र में पढ़ा .कभी मासूम जनता ,कभी देश-समाज के गणमान्य व्यक्ति ….क्य्नु हम सभी अराजक तत्वों या आतंकियों की बलि खुद को चढाते जा रहे हैं?क्या इनका कोई समाधान नहीं ?…..शायद नहीं! होगा भी कैसे? किसे देश समाज की पड़ी है ? हर व्यक्ति इस कदर संकुचित होता चला जा रहा है कि दूसरों का दुःख देखने कि फुर्सत ही नहीं! युवा सोशल नेटवर्किंग साइट्स ,स्पोर्ट्स या मूवीस में मस्त हैं और जो घर समाज में लायक समझे जाते हैं वो भी अधिकतम अपने करियर तक ही केन्द्रित हैं .एक बार करियर बन जाय फिर गृहस्थी के उत्कृष्टतम संसाधन जुटाने के लिए वो तथाकथित लायक वर्ग भी धनोपार्जन के उस महासमर में कूद पड़ता है जहाँ नैतिक-अनैतिक का अंतर करने वाली रेखा धूमिल होती जाती है और फिर भ्रष्टाचार के संसार को संमृद्ध करने के लिए एक और योद्धा आ जाता है.ये कभी अपने प्रमोशन के लिए कभी अच्छी जगह तबादले के लिए ,कभी बच्चों कि उत्तम शिक्छा की फीस के लिए,कभी एक गाड़ी हो जाये गाड़ी हो गई तो फिर अब सफारी फिर मर्सिडीज वो भी हो गई फिर एक बंगला ,बंगला बन गया तो फिर अन्य शहरों में भी मकान बनवाने हैं इसके बाद देश – विदेश भ्रमण फिर ….कभी कुछ और …..हमारी लालसा तो अनंत है .तो देश समाज के लिए सोचने का समय कब आएगा?पूजा पाठ दान दक्छिना भी हम तभी देते है जब शनि महाराज की साढ़े साती हो या राहू-केतु का प्रकोप हो ! वाराणसी में बम ब्लास्ट हो या होटल ताज को आतंकी छातिगास्त करें या कश्मीर में हमारे ही बन्धु बेमौत मारे जाएँ ,आखिर हमारी संवेदनाये कब जागेंगी? क्या देश में अब कोई देशप्रेमी नहीं जिसे देश की चिंता हो ,जो समाज के लिए भी अपना कुछ समय निकाल सके?
कम से कम अपने स्तर से प्रयास किये ही जा सकते हैं! व्यक्तिगत रूप से घुस लेना बंद करें! अपने आस पास न किसी का शोषण करें ,न करने दें! स्वयं नहीं रोक सकते तो कम से कम पुलिस को तो सूचित करें ! इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि जब प्रत्येक व्यक्ति अपने कर्तव्यों का बिना किसी अनैतिक इक्च्छा के निर्वहन करेगा तो भ्रस्टाचार स्वतः समाप्त होने लगेगा. जब हमारे नेतागण ,नौकरशाह,अन्य कर्मचारी ,तथा पुलिस आदि अपने -२ पदों की मर्यादा का यथोचित पालन करेंगे तो जायेगा और जब किसी को किसी तरह का अनावश्यक दबाव नहीं झेलना पड़ेगा तो हमारा समूचा तंत्र तब एकदम चुस्त दुरुस्त रहेगा जिससे आतंकवाद भी पनप नहीं पायेगा. क्योंकि कहीं न कहीं तो व्यवस्था में चूक होती ही है जिसका फायदा ये आतंकी उठा लेते हैं . अतः यदि आप स्वयं को एक सभ्य समाज का नागरिक ,एक जिम्मेदार भारतीय मानते हैं तो आज से !……अभी से ! भ्रस्टाचार के खिलाफ एकजुट हो अपने कर्तव्यो का ईमानदारी से पालन करिए .वरना जिन्हें हम राष्ट्रपिता कहते हैं उनकी आत्मा को ही हम अपने कुकृत्यों से छलनी ही करते रहेंगे और बापू की आत्मा सिसकती रहेगी कि जिस देश कि आज़ादी के लिए उन्होंने इतने अथक परिश्रम किये थे वे सभी व्यर्थ ….! हाय! भारत कि ऐसी दुर्दशा ! क्या अब भारत में एक भी व्यक्ति नहीं जो एक बार फिर से राष्ट्रवाद का अलख जगा सके ? आज हमें अपनी ही कमियों से लड़ना है ,अपने ही दुर्गुणों पर विजय पाना है पर हमारा नेतृत्व कौन करेगा ? यहाँ तो सभी के सभी ……..!
इसलिए हे राष्ट्रपिता ! आप ही पुनः कष्ट करिए ! एक बार फिर से भारत का उद्धार करिए ! मातृभूमि आपको पुकार रही है ,हे बापू आप पुनः अवतार लीजिये !

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