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बचपन में हम तीनो खेला करते थे गोल गोल घूमते की ….तब सोचा न था कि हम तुम भी घूमते -२ अलग अलग छोरों पर पहुँच जायेंगे!!!!!!!!!!!!!!!
एक साथ रहने का कुछ पल साथ बिताने का वक़्त कितना मिल पता है हमें पर ये राखी ही है जो इस तेज रफ़्तार ज़िन्दगी में हमें फिर से हंसने का मौका देती है बहुत कुछ बदल चुकी है ये दुनिया पर भाई मेरे ! तुम न बदलना !चाहे न लाना मेरे लिए महंगे नेग पर इतना वादा ज़रूर निभाना कि जब भी हम सब साथ होंगे तुम हमेशा कि तरह ही मेरे गुस्से और रुलाई दोनों को अपनी शैतानियों से हंसी में बदल दोगे दुनिया में कोई मेरा साथ दे न दे पर तुम ज़रूर दोगे .एक बात और कहना चाहूंगी कि जब भी तुन्हें अपनी बड़ी बहनों कि ज़रूरत पड़े हम दोनों तुम्हारे साथ हैं कुछ अछ्हा करने पे तुम्हारा गाल और बदमाशी करने पे तुम्हार कान खीचने के लिए भी!
हमेशा मुस्कुराते रहो !!!
…………………………………..तुम्हे दीदियाँ.
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